लखनऊ यूनिवर्सिटी की पत्रकारिता विभाग की छात्रा यशस्वी आज की मॉडर्न लड़कियों में से है । ये ज्यादा बोलती नहीं है , काफी सिंपल रहती है। और येें व्यर्थ की बहस नही करती है ।
आइये जानते है ,हमारी भावी पत्रकार यशस्वी जी से खुद उनकी लाइफ के बारे में और उनके विचारों के बारे में की वह क्या सोचती है ।
1) आप कहाँ की रहने वाली हो ?
यशस्वी- मै जयपुर की रहने वाली हूँ ।
2) आपकी फैमिली में कौन कौन है ?
यशस्वी- मेरी फैमिली में मम्मी ,पापा, दादी और मेरी छोटी बहन है ।
3) जयपुर से लखनऊ आना क्यों हुआ ?
यशस्वी- जयपुर से लखनऊ इसलिए आना हुआ ,क्योंकि मेरे पापा जॉब करते है और उनका ट्रांसफर लखनऊ हो गया , तो 2009 में हम लोग लखनऊ आ गए ।
4) लखनऊ और जयपुर में कौन सा शहर ज्यादा अच्छा है ?
यशस्वी- लखनऊ और जयपुर में यह डिफरेन्स है कि लखनऊ में आपको जमीनी स्तर के लोग मिलेंगे उसका कारण शायद यह है कि गाँव से जुड़े हुए लोग ज्यादा है तो यहाँ जमीनी स्तर पर बात होती है , और जयपुर में व्यपारी वर्ग ज्यादा है ,वहां पर हेल्पिंग नेचर के लोग आपको नहीं मिलेंगे जो की लखनऊ में है ,लखनऊ में पड़ोसी कल्चर है आस पास के लोग होली ,दिवाली मिलने आते है , जयपुर में ये सब चीज़े नहीं है , लेकिन जयपुर में आपको हेल्पिंग नेचर नहीं मिलेगा और इससे मेरे अंदर यह एक अच्छी आदत हो गई है कि मैं अपना काम खुद करने लग गई हूँ क्योंकि मुझे पता है कि कोई हेल्प नहीं करेगा। एडमिनिस्ट्रेटिव के मामले में जयपुर को पसंद करुँगी और हेल्पिंग नेचर के मामले में लखनऊ को ।
5) आप इतना शांत शांत और खोई खोई क्यों रहती है ?
यशस्वी- नहीं ऐसा नहीं है ,मै शांत-शांत ,और खोई-खोई तो बिलकुल भी नहीं रहती हूँ । सब मुझसे पूछते है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है ,मुकुल सर ने भी यह सवाल पूछा था क्लास में, मै ये कहूँगी की क्लास में मै टीचर्स की बात सुनती हूँ, जो वो बोलते है वो मै नोट करती हूँ ,,मुझे बिना मतलब बोलना नहीं अच्छा लगता किसी से भी ,क्लास में बात करने की कोई जरुरत भी नहीं है । क्योंकि टीचर्स पढ़ाते है , मुझे बिना मतलब अपनी उपस्थति दर्ज कराने की जरुरत नहीं है । जब मुझे कुछ पूछना होता है तभी मैं बोलती हूँ ,मुझे फालतू बोलना पसंद नहीं है ।
6) आपने लखनऊ यूनिवर्सिटी ही क्यों पसंद किया ?
यशस्वी- लखनऊ यूनिवर्सिटी इसीलिए क्योंकि मुझे बेस चाहिए था । मुझे जमीनी स्तर पर बात करना अच्छा लगता है । और लखनऊ यूनिवर्सिटी में ज्यादातर वो बच्चे आते है पढ़ने जिन्होंने प्रॉबलम्स देखि हुई होती है , वो ऑडी या महँगी गाड़ियों में नहीं घूमते है । और लखनऊ यूनिवर्सिटी में जमीनी स्तर पर बात होती है । और मुझे बड़े ,बड़े कैफ़े में जाना पसंद नहीं , मुझे समोसा और चाय ही अच्छी लगती है , अगर मैं किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में होती तो मैं शायद अपना कोर्स पूरा कर रही होती । मुझे सिम्पलिसिटी पसंद है । मुझे दिखावा पसंद नहीं । लखनऊ यूनिवर्सिटी में शायद उतनी फैसिलिटीज नहीं है लेकिन उनकी मुझे जरुरत भी नहीं है ,जिसको निकलना होगा वह निकल जयेगा । मुझे लखनऊ यूनिवर्सिटी और अपना डिपार्टमेंट बहुत ज्यादा पसंद है ।
7) मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई ही क्यों ?
यशस्वी- मॉस कम्युनिकेशन इसलिए चुना क्योंकि मुझे लिखने और पढ़ने का शौख है । मुझे लिखना पसंद है ,और मै थोड़ी देशभक्त टाइप की हूँ , शायद अगर मुझे थोड़ा सा सिखाया जाता तो मैं आर्मी या नेवी में जाती पर मैं नहीं जा पाई , तो सोसाइटी को सर्व करने का दूसरा तरीका जो था वह मेरी राइटिंग थी । अगर मैं अपनी राइटिंग से लोगो को बदल पाऊं तो यह बहुत बडी बात होगी ।
8) मॉस कम्युनिकेशन की फील्ड में अगर आप न होती ,तो आपकी दूसरी पसंद क्या होती ?
यशस्वी- अगर मैं मॉस कम्युनिकेशन की फील्ड में न होती तो मैं आर्मी, या नेवी में जाती ताकि मैं सोसाइटी या देश के लिए कुछ कर संकू । जाहिर है अपने लिए भी सब करते है। पैसे कमाते है। मेरे अंदर समाज के लिए कुछ करू वह जज्बा है ।
9) लखनऊ यूनिवर्सिटी में सबसे अच्छी चीज़ क्या है ?
यशस्वी- लखनऊ यूनिवर्सिटी में सबसे अच्छी चीज़ यह है की ज्यादातर लोग मिडिल क्लास फॅमिली से आते है । सबका बैकग्राउंड ज्यादातर एक जैसा है । सबकी प्रोब्लेम्स ज्यादातर एक जैसी है , तो उस पर डिसकस करना बात करने में मजा आता है ।
10) मॉस कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की सबसे अच्छी बात क्या है ?
यशस्वी- सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ हम लोगो को फ्लेक्सबिलिटी है , आजादी है , कोई भी काम फोर्स फूली नहीं होता है जबर्दस्ती थोपा नहीं जाता है ।
11) मॉस कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में आपका पसंदीदा टीचर कौन है ?
यशस्वी- सभी टीचर्स अच्छे है । अगर मुझे कुछ पॉइंट टू पॉइंट चाहिए होता है तो मैं पिंटू सर से पूछ लेती हूँ ,और अगर मुझे गहरे ,डीप्ली जवाब चाहिये होते है तो मुकुल सर से दोनों मेरे पसंदीदा टीचर्स है । और सभी टीचर्स अच्छे है ।
12) मॉस कम्युनिकेशन की क्लास में सबसे अच्छी या अच्छा आपका दोस्त कौन है ?
यशस्वी-मेरी सबसे अच्छी दोस्त हर्षिता है ,लेकिन इसलिए नहीं की मै उसे पहले से जानती हूँ । बल्कि इसलिए की उसका नेचर बहुत एड्जस्टिंग है । वो मेरे टाइप की है ,मुझे समझती है , सही एडवाइस देती है । वो ज्यादा बोलती नहीं है ,लेकिन मुझे चाहिए भी नहीं , और उसने मेरा साथ हमेशा दिया है ।
13) आप जयपुर की रहने वाली है तो ये बताइये की जयपुर को गुलाबी शहर क्यों कहा जाता है ?
यशस्वी- यह तो मुझे भी समझ नहीं आया अभी तक उसको गुलाबी शहर कहा जाता है । वहाँ पर जो पुराना जयपुर है ,जैसे लखनऊ में हजरतगंज वैसे ही तो वहाँ पुराने जयपुर में सभी बिल्डिंग्स महरून कलर में है पिंक में नहीं है उसको महरून शहर कहना चाहिए ।
14) आपकी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है ?
यशस्वी- मेरी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि मुझे लोगो से ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं है । यह एक बुरी आदत हैं और कभी कभी मेरी यही कमजोरी बन जाती है ।
15) आपको किस चीज़ से डर लगता है ?
यशस्वी-मुझे वैसे तो किसी चीज से डर नहीं लगता लेकिन मैं बहुत ज्यादा एडवेंचर्स भी नहीं हूँ । मुझे ऊंचाई से डर लगता है ।
16) आपको गुस्सा कब आता है ?
यशस्वी- मुझे दो कारणों से गुस्सा आता है 1) जब मैं अपना काम डेडलाइन पर नहीं कर पाती । 2) जब घर पर रिलेटिव्स आते है , मुझे बहुत चिढ़ है ।
17) लेकिन रिलेटिव तो भगवान् का रूप होते है । (अतिथि देवो भव) फिर गुस्सा क्यों आता है ?
यशस्वी- हाँ अतिथि देवो भव कहा भी जाता है , अच्छा भी लगता है । जब रिलेटिव्स आते है , लेकिन उसके लिए रिलेटिव्स अच्छे भी होने चाहिए । जैसे -मेरी मौसी आती है मुझे अच्छा लगता है ।लेकिन मेरे ज्यादातर रिलेटिव्स अच्छे नहीं है । और न जाने उनको कैसे पता चल जाता गई की वो एग्जाम के टाइम ही आ जाते है । और मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब होती है ,इसलिए मुझे नहीं अछा लगता ।
18) भूतो पे विश्वास करती हो ?
यशस्वी- नहीं भूतो पे विश्वास नहीं करती , लेकिन मुझे हॉरर स्टोरीज बहुत अच्छी लगती है ,मै हमेशा सर्च करती रहती हूँ ।
19) भगवान् पर विश्वास करती हो ?
यशस्वी- हाँ बहुत ज्यादा लेकिन मैंने उसे कोई रंग रूप नहीं दिया है कि ये गणेश जी है ,और ये शंकर् जी । और न ही मैं कोई व्रत रखती हूं । मेरा अपना तरीका है उनसे बात करने का ,और उनको मानने का ।
20) आपने कहा आप भगवान् से बात करती है कैसे क्या आप बता सकती है ?
यशस्वी- मेरा तरीका यही है बात करने का की मैं कोई आम मन्दिर में चली जाती हूँ ,कोई छोटा सा मंदिर, कोई पेड़ के नीचे बना हुआ मंदिर क्योंकि वो शांति देता है । मुझे जहाँ ज्यादा भीड़ होती है , शोर होता है वहां जाना नहीं पसंद, और जैसे मैं दोस्तों से बात करती हूँ वैसे ही मैं भगवान् से कम्यूनिकेट कर लेती हूँ ,बस यही तरीका है ।
21) भगवान तो हर जगह है फिर आप आम मंदिर मेरा मतलब मंदिर क्यों जातीं हो ,आप घर के किसी कमरे में बैठकर भी बात कर सकती है ,या याद कर सकती है ?
यशस्वी- हाँ बिलकुल मै कहीं भी बैठकर बात कर लेती हूँ ,ऐसा कुछ नहीं है मै मंदिर भगवान् के लिए जाती हूँ ,मै मंदिर इसीलिए जाती हूँ की वहाँ बहुत शांत वातावरण रहता है , और इसलिए मुझे जाना अच्छा लगता है । और भगवान् से तो मै कहीं भी बात कर लेती हूँ ।
22) लड़कियों के लिए कितना मुश्किल है पढ़ाई या जॉब करना ?
यशस्वी - यह बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है , मैं शहर की बात करती हूँ ,गाँवो में तो बहुत बुरा हाल है । हम लोग पढ़ाई करते है जॉब के लेवल तक पहुँच जाते है फिर हमारी शादी होती है । तो हम लोगो से बोलो जाता है नियम से रहो , बेबी होता है तो कई लड़कियों को जॉब छोड़नी पड़ती है । मुश्किल तो है लेकिन लडकिया अगर मजबूत हो जाये, और वो अपनी अहमियत ,आजादी को समझे तो उनको कोई नहीं रोक सकता ।
23) आपके लिए प्यार ज्यादा महत्व रखता है या करियर ?
यशस्वी - मैंने करियर को ही अपना लव बना लिया है अगर आप पूछे की आप क्या सेलेक्ट करेंगी तो मैं करियर को क्योंकि करियर ही मेरी पहचान देता है । प्यार जितना मुझे मिलना होगा वो तो मेरे पेरेंट्स ही कर पाएंगे उनके आलावा मुझे कोई नेचुरल प्यार नहीं कर पायेगा |
24) बहुत से घर है लखनऊ और पूरे उत्तरप्रदेश में जिनमे लड़कियों को रोका जाता है । कि ऐसे कपडे मत पहनो ? जीन्स ,स्कर्ट आदि क्या कभी आपके साथ ऐसा कुछ हुआ ?
यशस्वी- लड़कियों के साथ ऐसा होता है पर वो इसलिए क्योंकि वो अपनी कमान पुरुषों को खुद सौंप देती है, पर मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ कि मुझे कपड़ों के लिए या किसी भी चीज़ के लिए रोका गया हो।
25) बहुत से नेता या किसी धर्म विशेष के कुछ लोग कहते है कि लड़कियों को छोटे कपडे नहीं पहनने चाहिये ? उनके लिए आप कुछ कहना चाहेंगी ?
यशस्वी-मैं इस बात के समर्थन में नहीं हूं कि कोई किसी अन्य व्यक्ति ख़ासकर महिला के कपड़ों या किसी भी अन्य चीज़ो पर अपनी राय दे पर हां मेरा यह मानना ज़रूर है कि जगह और लोगों को आप नहीं बदल सकते,इसलिए परहेज़ करने में कोई बुराई नहीं है।परेशानी छोटे कपड़ों में नहीं है पर माहौल के हिसाब से एहतियात बरतनी चाहिए,क्योंकि आप सबकी मानसिकता नहीं बदल सकते।महिलाएं छोटे कपड़े पहन तो लेती हैं पर उन्हें खुद असहज महसूस होता है,इसीलिए अपनी सहजता के आधार पर चयन किया जा सकता है।
26) क्या एंटी रोमियो दल से लड़कियों के साथ होने वाली छेड़खानी पर पूरी तरह रोक लग जायेग़ी ? यशस्वी : हां अगर ये प्रयास इसी सख्ती से चलते रहे तो हो सकता है ऐसी हरकतें कम हो जाएं फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी।
27) आपका पसंदीदा भोजन क्या है ?
यशस्वी- मुझे साउथ इंडियन खाना ज़्यादा अच्छा लगता है,उसमें खट्टे-मीठे का combination होता है इसीलिए।
28) अगर आपको एक दिन के लिये सुवर पावर्स मिल जाए तो आप क्या करेंगी ?
यशस्वी- मुझे सुपरपॉवर मिलेगी तो मैं नैचुरल रिसोर्सेज बढ़ाना चाहूंगी।
29)आपको कैसी फिल्मे पसंद है ?
यशस्वी- मुझे सच्ची घटनाओं पर बनी फिल्में या किसी मुद्दे पर बनी फिल्में अच्छी लगती हैं।हाल की फिल्मों में मुक्ति भवन,अनारकली,पार्च्ड,पिंक,मांझी,एयरलिफ्ट,नीरजा उनमें से एक हैं।मुझे शार्ट फिल्में भी पसंद हैं।
30) आपका पसंदीदा अभिनेता या अभिनेत्री कौन है ?
यशस्वी- अभिनेता में अमरीश पुरी और अभिनेत्री में राधिका आप्टे अच्छी लगती हैं।
31) आप किसको अपना आदर्श मानती है और क्यों ?
यशस्वी-मैंने किसी एक इंसान को आदर्श तो नहीं माना कभी,वक्त और स्वभाव के आधार पर हमें दूसरों के रास्तों से सीख मिलती है, जिससे अपना काम बेहतर होता है।
32) क्या आपको लगता है कि आज के समय में सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेनी चाहिये लड़कियों को ?
यशस्वी- हां बिल्कुल ये होना चाहिए। बल्कि सेल्फ डिफेंस कई स्कूलों में कम्पलसरी भी है,कहीं भी किसी भी परिस्थिति में आपका आत्मनिर्भर होना बहुत ज़रूरी है।
33) घर का कोई नियम जो आपको फॉलो करना पड़ता हो ?
यशस्वी- हाँ बिलकुल मेरे घर का नियम है कि घर के सारे बिल्स , मुझे टाइम पर भरना है , और ध्यान रखना है ,और घर के सारे काम मुझे ही पूरे करने है । यही सब रूल फॉलो करना पड़ता है ।
34) क्या कभी आपको ऐसा लगा की आपको लड़की नहीं लड़का होना चाहिए था ?
यशस्वी - नहीं कभी ऐसा नहीं लगा ,मुझे लड़की होने पर गर्व महसूस होता है । भारत में लड़कियों के लिए दिक्कते है , रात को बाहर नहीं जाने दिया जाता है ,लेकिन कभी न कभी इंडिया इतना सेफ हो जयेगा की पैरेंट्स इतना सिक्योर फील करेंगे की लड़कियों को रात बाहर जाने दिया जायेगा ।
35) आपकी बचपन की कोई शरारत अगर आपको याद हो तो बताइए ?
यशस्वी- हाँ , मै बचपन में बगल वाले घर का नल खोल कर भाग जाती थी इसलिये क्योंकि वो आंटी अच्छी नहीं लगती थी मुझे ,बहुत बोलती थी । और एक दो पड़ोसी थे अच्छे नहीं लगते थे ,तो मैं उनके घर की घंटी बजाकर भाग जाती थी ।
36) आप लव मैरिज या अरेंज किस में विश्वास रखती हो ?
यशस्वी-मैं लव मैरिज में यकीन इसीलिए रखती हूं क्योंकि आपको जानने समझने का वक़्त मिलता है।और साथ रहने के लिए ये ज़रूरी है।
37) यदि आपको कोई जीव या जानवर बनना हो तो आप कौन सा जीव या जानवर बनना चाहेंगी ? यशस्वी-मैं एक डॉलफिन बनना चाहूंगी,तैरना पसंद है मुझे इसलिए।
38) आपको कौन सा खेल पसंद है ?
यशस्वी-आउटडोर गेम्स में स्विमिंग और इंडोर गेम्स में कैरम पसंद है
39) आपको कौन सा लेखक और लेखिका पसंद है ? कोई पसंदीदा किताब ?
यशस्वी- अतिथि एक किताब है शिवानी लेखिका का नाम है।और नए लेखकों में नीलेश मिश्रा पसंद हैं, उनकी किताब याद शहर के दोनों भाग अच्छे हैं।
40) भविष्य में अपने आप को आप कहाँ देखना चाहेंगी ?
यशस्वी-भविष्य में मैं अपने आप को एक बेहतर इंसान बनते हुए देख सकूंगी, किस परिस्थिति को कैसे संभालना है ये सीखना ज़रूरी है।
41) आप अपने जीवन काल में कौन सी जगह घूमना चाहेंगी ?
यशस्वी- Nasa और Isro
42) क्या लड़कियों से छेड़खानी में सिर्फ और सिर्फ लड़के ही जिम्मेदार होते है ? यशस्वी-ये एक बड़ा सवाल है उसके लिए बहुत से नज़रिये से बात को समझना ज़रूरी है।लड़के जो लड़कियों को छेड़ते हैं उन्हें ऐसी मानसिकता देने वाले समाज में महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं।इसका सिर्फ एक ही हल है कि आने वाली पीढ़ी को समझदार बनाने के लिए माता-पिता दोनों को सही सीख देने की ज़रूरत है।पर जिस लड़की के साथ छेड़खानी हो रही है उसमें उसकी कभी कोई गलती हो ही नहीं सकती।
43)अगर आपको भगवान् से कोई दो विश मांगनी हो तो आप क्या मांगेंगी ?
यशस्वी- अगर भगवान से कोई विश मांगनी हो तो मैं पॉल्युशन less शहर और शिक्षा लैस देश चाहूंगी।इसमें पहले लेस का मतलब "कम" और दूसरे लेस का मतलब "शिक्षा युक्त" है
44) क्लास में सबसे ज्यादा बकवास कौन करता है आपको क्या लगता है ?
यशस्वी-क्लास में सबसे ज़्यादा बकवास अपना वॉट्सऐप ग्रुप करता है।😅
45) आपकी जीवन की कोई ऐसी याद जो दिल के करीब हो अगर आप बताना चाहे तो ?
यशस्वी-जब मुझे मम्मी-पापा से बहन मिली थी और मेरा चुना हुआ नाम उसको दिया गया था तब वो दिन मेरे लिए सबसे खास था।वो एक असली खिलौना है।