Saturday, 29 April 2017

वान्या की कलम से : एक नजर सूरज पर

लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की बहुत ही शांत स्वभाव की छात्रा व उभरती हुई कवित्री वान्या दीक्षित  की कलम से एक नजर मेरे व्यक्तित्व व विचारों पर प्रकाश डालती एक छोटी सी कविता ।
                              वान्या दीक्षित
कविता-(एक नजर सूरज वर्मा पर)

आँखें बड़ी सूरज सी तेरी
रंग रूप तेरा सांवला सा
तुझमे गहरा है दया भाव
एक रिश्ता है अपना सा
तुझमे एक खामोशी सी
एक चंचल सी गहराई है
खुश रहना तेरी आदत है
या मीठी सी रूसवाई है
सपनों का मन्दिर प्यारा
एक घर प्यारा उस मन में
मन के भीतर एक सांवल सी
सुरत छिपी है तुझमें
छिपी हुई मन की सूरत में
रंग भरे हैं कितने
कितनी सुन्दर हैं खुशियाँ उसमें
ख्वाब सजे हैं कितने
ख्वाबों का संगम इस मन में
मन में एक अपनापन है
अपनेपन की इस उलझन में
एक सपनों का दर्पण है
मेरी है बस दुआ यही
सपनों की मंजिल पा लेना
गर ठहर जाये ये वक्त कहीं पर
पार उसे तुम कर लेना
                          (वान्या दीक्षित)

वान्या के द्वारा लिखी गई मेरे ऊपर इस कविता की लाइन्स बहुत ही सुंदर थी । मैं वान्या जी का आभार व्यक्त करता हूँ ।
 वान्या भले ही शांत स्वभाव की है लेकिन इनकी कलम बिल्कुल भी शांत नही है ,  अपनी कलम यूहीं हमेशा चलाती रहना । मेरी शुभकामनाये हमेशा तुम्हारे साथ है, और रहेंगी ।
               (धन्यवाद वान्या )

11 comments:

  1. बहुत ही सुंदर कविता वान्या इसी तरह अपनी कलम चलाती रहो हमेशा।all the best

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    1. धन्यवाद अरविंद जी

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  3. बहुत बहुत शुक्रिया सूरज ....

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  4. Replies
    1. धन्यवाद भाई ।

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    2. It's very pleasant to here. Sound feel like heaven.

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